" मिल कहीं तु मेरा आसमां कुछ खाली-खाली सा है , जिस तरफ भी देखूं उस तरफ तेरी बेख्याली का सबब है , तेरी तन्हाई से दिल भर आया है अब तेरे बेज़ारी का दस्तूर है , हमारे मिलने की कुछ ख्वाहिश मंजूर कर मेरा काफिला उलझन में हैं . " --- रबिन्द्र राम " मिल कहीं तु मेरा आसमां कुछ खाली-खाली सा है , जिस तरफ भी देखूं उस तरफ तेरी बेख्याली का सबब है , तेरी तन्हाई से दिल भर आया है अब तेरे बेज़ारी का दस्तूर है , हमारे मिलने की कुछ ख्वाहिश मंजूर कर मेरा काफिला उलझन में हैं . " --- रबिन्द्र राम #आसमां #बेख्याली #तन्हाई #बेज़ारी #दस्तूर #ख्वाहिश #मंजूर #उलझन