Nojoto: Largest Storytelling Platform

गुलाब ना खिले तो न सही, गेहूं की बालियों से आबाद ह

गुलाब ना खिले तो न सही,
गेहूं की बालियों से आबाद हुआ करता है,
मेरा गांव मेरा गुलिस्तां हुआ करता है। मेरे विंध्य मेरे रीवा की माटी।
गुलाब ना खिले तो न सही,
गेहूं की बालियों से आबाद हुआ करता है,
मेरा गांव मेरा गुलिस्तां हुआ करता है। मेरे विंध्य मेरे रीवा की माटी।