White बे-तअल्लुक़ ज़िंदगी अच्छी नहीं ज़िंदगी क्या मौत भी अच्छी नहीं आज भी पाया है उन को बद-मिज़ाज सूरत-ए-हालात अभी अच्छी नहीं हसरत-ए-दिल देख आँखों में न बैठ इस क़दर बे-पर्दगी अच्छी नहीं मैं न कहता था दिल-ए-ख़ाना-ख़राब दिलबरों से दिल-लगी अच्छी नहीं सैर कीजे हुस्न के बाज़ार की हाँ मगर आवारगी अच्छी नहीं ©"SILENT" #sad_shayari sad shayari in hindi