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भीनी-भीनी सुगंध तेरे प्यार की, आती है हरदम अब मुझस

भीनी-भीनी सुगंध तेरे प्यार की,
आती है हरदम अब मुझसे 
भूल गई हूँ मैं दुनिया को,
जबसे जुड़ी हूँ मैं तुझसे 
तू इस कदर बस गया है,
रूह में मेरी 
लोग अब पहचानने लगे हैं मुझे,
तेरी लुभावनी खुशबू से  नमस्कार लेखकों! ✨

अप्रैल का महीना कविता लेखन के लिए मशहूर है इसलिए इस महीने में हम आपको रोज़ एक विषय देंगे जिस पर आपको अपनी काव्य की संरचना करनी है।

हमारा आज का #rznapowrimoh15 के साथ collab करें और अपने शब्दों द्वारा कविता अभिव्यक्ति कर मौका पाएं रेस्ट ज़ोन से एक ख़ास टेस्टीमोनियल पाने का! ❤️

समय सीमा : 16 अप्रैल, सुबह 9:30 बजे तक।
भीनी-भीनी सुगंध तेरे प्यार की,
आती है हरदम अब मुझसे 
भूल गई हूँ मैं दुनिया को,
जबसे जुड़ी हूँ मैं तुझसे 
तू इस कदर बस गया है,
रूह में मेरी 
लोग अब पहचानने लगे हैं मुझे,
तेरी लुभावनी खुशबू से  नमस्कार लेखकों! ✨

अप्रैल का महीना कविता लेखन के लिए मशहूर है इसलिए इस महीने में हम आपको रोज़ एक विषय देंगे जिस पर आपको अपनी काव्य की संरचना करनी है।

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समय सीमा : 16 अप्रैल, सुबह 9:30 बजे तक।
poonamsuyal2290

Poonam Suyal

Bronze Star
Growing Creator