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हर रोज़ तूफानों से लड़ती हूँ, साहस करती पुरज़ोर हूँ।

हर रोज़ तूफानों से लड़ती हूँ, साहस करती पुरज़ोर हूँ।
अगर अकेली हूँ, तो यह  मत समझो कि मैं कमजोर हूँ।

मैं सृष्टि की अभियंता हूँ, मत समझो ख़ुद पर बोझ मुझे,
मैं घर को मकां बनाती हूँ, मत कहना कि मुंहजोर हूँ।

मुझसे अस्तित्व तुम्हारा है,मैं नही तो तुम कहाँ होंगे।
मुझसे रच कर ही  कहते हो,मैं नारी हूँ कमजोर हूँ।

अब तक सहती चुपचाप रही ,पर बहुत हुआ अब औऱ नही,
अब   ढलती  शाम नही हूँ मैं,  जो अभी हुई वो भोर हूँ।।

©poonam atrey
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 Richa Mishra भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन kumar samir Mahi -hardik Mahajan  परिंदा एक अजनबी Raj Guru Rama Goswami Payal Das  Rajesh Arora Noor Hindustanai अदनासा- Anshu writer Saloni Khanna  "ARSH"ارشد Badal Singh Kalamgar शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) Suresh Gulia Subhash Chandra  वंदना .... Rakesh Srivastava Navash2411 Utkrisht Kalakaari Neel  Lalit Saxena AD Grk Gyanendra Pandey Sethi Ji Aditya kumar prasad  Sethi Ji Aditya kumar prasad SAUD ALAM अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर प्राशु _  Dikesh Kanani (Vvipdikesh) Sunita Pathania खामोशी और दस्तक प्रज्ञा पथिक..  Mili Saha प्रज्ञा Puja Udeshi Kirti Pandey shashi kala mahto  shashi kala mahto Ashutosh Mishra मनोज मानव Maaahi.. Sita Prasad