दिल में अति पीड़ा है , जता नही सकते आंखों के सामने लोकतंत्र मिट रहा है इसे बचा नही सकते इतिहास में सुना था गुलामी सही थी लोगों ने अब गुलामी के दर्द को दिल में छुपा नहीं सकते लोग शहीदों को सम्मान देते है बहुत सारा उनके त्याग का हर जगह करते हैं जय जय कारा लेकिन इस गुलामी से बचाने के लिए कोई खुद को आगे बढ़ा नही सकते उत्पीड़न से भरी गुलामी के इस दर्द को मिटा नही सकते ©Er.Mahesh #लोकतंत्र