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महज़ उम्र नहीं बढ़ रही, गिर रहे है पत्तें कई ख्वाब

महज़ उम्र नहीं बढ़ रही,
गिर रहे है पत्तें कई ख्वाबों वाली शाख से । #mehaj umar nahi bad rahi.
महज़ उम्र नहीं बढ़ रही,
गिर रहे है पत्तें कई ख्वाबों वाली शाख से । #mehaj umar nahi bad rahi.