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वो तुम्हारा रूठना, और फिर तुम्हें मेरा मना लेना, ब

वो तुम्हारा रूठना, और फिर तुम्हें मेरा मना लेना,
बोलो ना पहले की तरह सताते क्यू नही!

तुम जानते हो ना तुम्हारी मुस्कान कितनी पसंद है मुझे,
तो अपना हसता हुआ चेहरा दिखाते क्यू नहीं!

सच है ना के कभी मेरी खामोशियां भी पढ़ लेते थे तुम,
फिर आज पुकारने पर भी आते क्यू नहीं!

लोगो का कहना कि खैरियत पूछते हो मेरी आजकल,
गर है मोहब्बत तो जताते क्यू नही। kyu nahi?
वो तुम्हारा रूठना, और फिर तुम्हें मेरा मना लेना,
बोलो ना पहले की तरह सताते क्यू नही!

तुम जानते हो ना तुम्हारी मुस्कान कितनी पसंद है मुझे,
तो अपना हसता हुआ चेहरा दिखाते क्यू नहीं!

सच है ना के कभी मेरी खामोशियां भी पढ़ लेते थे तुम,
फिर आज पुकारने पर भी आते क्यू नहीं!

लोगो का कहना कि खैरियत पूछते हो मेरी आजकल,
गर है मोहब्बत तो जताते क्यू नही। kyu nahi?