टेडी बियर ◆◆◆◆◆◆ उस टेडी के लिये मेरा बच्चा ललचा रहा था। भाग भागकर उस और जा रहा था। वहीं एक और एक बुजुर्ग देखकर मुस्कुरा रहा था। उसका हाथ पकड़े एक नन्हा सा बालक भी उसी और जा रहा था। मैं पूछ बैठी उनसे बाबा क्या आपको भी आपके पोते के लिये यही खिलौना चाहिये। बाबा ने मुस्कुराया और कहा। मेरी बच्ची मेरे पोते को मैं बस उसकी झलक दिखला रहा था। क्योंकि एक गरीब को मन भरकर मन की आंखों से जीना सीखा रहा था। वो टेडी बियर उठाकर मैं दुकान से उस बच्चे की तरफ बढाने लगी। तभी बाबा ने कहा नही बेटी इसे वापस रख ले। मैं मेरे बच्चे को खुद्दार बना रहा था। आज उसकी इच्छा तू पूरी कर देगी कल कौन आएगा। बस इसे यही बात मैं सीखा रहा था। उनकी बात सुनकर मैं स्तब्ध रह गयी थी आज। खिलौना दुकान में वापस रखकर आकर बोली। बाबा बालक देखो कैसे मुस्कुरा रहा था। कोई बात नही बेटी थोड़ी देर की बात है यह ठीक हो जाएगा। मैं बस इसे खुद पर ऐतबार करना बता रहा था। उस दिन एक सीख उस बुजुर्ग से मिल गयी मुझे। बच्चे की हर ख्वाहिश पूरी करने की आदत गलत थी पड़ गयी मुझे। बच्चा गरीब हो या अमीर खर्च सोच समझकर करो। बच्चों की ख्वाहिशें पूरी करो पर हर ख्वाहिश पूरी न करो। यह बात उस दिन मुझे समझ आगयी। और मेरी बेटी उस दिन से जिद्दी नही समझदार बन गयी। अब मेरी बेटी उस लड़के का हाथ पकड़कर खेल रही थी। बिना टेडी के टेडी बियर डे मना रही थी। - नेहा शर्मा #NojotoQuote teddy bear