#DearZindagi उनकी शहादत कैसे भुला दूं क्या कहूँ उनके बारे में, वो तो हर जगह समायें हैं, बदल नहीं सकते हम वक्त वो, जब उन्होंने इतने अत्याचार सहे, हम किस उम्र में उनके किस्से मिटा दे, शहीदों की शहादत कैसे भुला दें।। उनके बिना ये देश अधूरा है, न जिम्मेदारी का किसी को एहसास, न ख्वाब हुआ उनका वो पूरा हैं, हम उनके ख्वाब को.कैसे मिट्टी में मिला दें, शहीदों की शहादत कैसे भुला दें।। अंग्रेजों से देश का पीछा छुड़ा रहे थे, ये अंग्रेजी शासन खत्म करना चाह रहे थे, अब उनके इस ख्वाब (आग) मे धुआं हो रहा है, अब फिर अपना देश उनके सामने अपना सिर झुका रहा हैं, अब ये सब देखकर कैसे आंखें बंद कर दूं, शहीदों की शहादत कैसे भुला दूं।।। सामाजिक लेखिका और देशभक्त रौली मिश्रा freedom fighters