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सफर चाहे कितना कठिन हो मंज़िल चाहे जितना दूर हो तु

सफर चाहे कितना कठिन हो
मंज़िल चाहे जितना दूर हो
तुम चलते जाना।
दोस्त छूट जाएं, यार रूठ जाएं
या हमसफर कोई दगा दे जाए
तुम चलते जाना।
पैर पर छाले हों, गला सुख जाए
या आंखों के सामने अंधेरा छा जाए
तुम चलते जाना।
तुम वादा करो यह खुद से 
के जितनी बार आग में तपोगे
तुम उतनी बार सोना बन कर उभरोगे।
तुम चलते जाना, तुम चलते जाना। ~Tribute to the Olympians & Paralympians~

#indian #olympics2020 #paralympics #yqbaba #yqdidi #poetry #inspiration
सफर चाहे कितना कठिन हो
मंज़िल चाहे जितना दूर हो
तुम चलते जाना।
दोस्त छूट जाएं, यार रूठ जाएं
या हमसफर कोई दगा दे जाए
तुम चलते जाना।
पैर पर छाले हों, गला सुख जाए
या आंखों के सामने अंधेरा छा जाए
तुम चलते जाना।
तुम वादा करो यह खुद से 
के जितनी बार आग में तपोगे
तुम उतनी बार सोना बन कर उभरोगे।
तुम चलते जाना, तुम चलते जाना। ~Tribute to the Olympians & Paralympians~

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