कुछ बारिश की बूंदें और मेघों की गड़़गड़ाहट कुछ परदेस के परींदे और पपीहे की चहचहाट कुछ कलियों के फीते और भवरों की गुनगुनाहट कुछ हवा के झोंके और पत्तों की सरसराहट कुछ सिसकता दिल मेरा और ज़रा सी ख़ामोशी.. #मौन #सेतु #भाषा #YourQuoteAndMine Collaborating with Anuup Kamal Agrawal तेरे मेरे मौन के बीच कौन सी भाषा बनेगी सेतु -------------------------- कुछ बारिश की बूंदें