इन नज़्मों में कैसे करूं बयां जन्नत जो मैंने पायी हैं आंचल की छांव में तेरी मां कभी पापा के लाड़ में तकरार में भाई से कभी बहन के दुलार मे लड़कपन के उस मासूम प्यार में और आज तेरे इश्क़ के खुमार में इन नज़्मों में कैसे करूं बयां जन्नत जो मैंने पायी हैं #जन्नत #nojotokavishala