दिल की लगी, दिल्लगी, है यही बंदगी हर ख़ुशी, मन की ख़ुशी, है यही ज़िंदगी मन में प्रिय, प्रिय में साँसे, है यही इश्क़ प्रिय से ही नाराजगी, प्रिय ही तिश्नगी। 🌝प्रतियोगिता-69 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"दिल की लगी"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I