स्त्री तेरी कहानी किसी ने नहीं सुनी तेरी जुबानी, दर्द तो तुझे भी है पर आया कभी ना तेरी आंखों से पानी! छोटी सी गुड़िया ना जाने कब हुई सयानी , खेलने के दिनों में हो गई बिदाई! पराए घर को प्यार से अपनाया है तूने, कितनी गजब है तेरी कहानी! कभी रिश्ता बेटी का तो कभी बहू का निभाया है तूने, कभी बहन तो कभी भाभी बनी है तू, एक संगिनी एक ममता की मूरत है तू! जीती ना तू कभी खुद के लिए, हर किसी के लिए बन जाती हैं प्यार की निशानी! #दिव्या भंडारी special for the most beautiful person on universe