सुन कोयलिया गाती है, मीठे गीत सुनाती है सूरज से करके साज जिरह, सुबह को महकाती है सुन मीठी सी ताने हैं, सुने सुने से गाने है कुछ अपने से लगते हैं, कुछ कितने बेगाने हैं सजा सुरों में, पिरो पिरो कर, कितने फूल सजाती है सुन कोयलिया गाती है, मीठे गीत सुनाती है सहर अलापों से हामिल है, कई दुआ उसमें शामिल हैं देख उतर के गहराई तक, रूह खिली, तेरी,कामिल है पत्तों में छुप कर बैठी है, सचमुच खूब लजाती है सुन कोयलिया गाती है, मीठे गीत सुनाती है सुन कोयलिया गाती है, मीठे गीत सुनाती है सूरज से करके साज जिरह, सुबह को महकाती है सुन #kavishala #hindinama #tassavuf #mikyupikyu #meethashona #love