पूँजी तुम भी नाऽऽ बिलकुल वो हो खैर जैसी भी हो सो हो मेरे लिए बहुत ही खास हो यूँ लगता सदा आसपास रहो झट किसी भी बात से रूठ जाती हो फिर बड़ी मुश्किलों से मान पाती हो पूरी जिंदगी यूँ ही नोंक झोंक में गुजरी तुम्हारी इसी अदा से जिंदगी निखरी जो बीत गई सो बात गई पर यादें अब भी साथ रही जो बीता वक्त वो माजी है कुछ यादें अब भी ताज़ी हैं बस यही बची हुई पूँजी है जो खुशियों के खज़ाने की कुँजी है द्वारा:-RNS. #पूँजी!