Nojoto: Largest Storytelling Platform

कविता को आगे बढ़ाएँ- #HappyBirthday #SpecialDay #Ra

 कविता को आगे बढ़ाएँ-
#HappyBirthday #SpecialDay #RamPrasadBismil

जब-जब भारत के स्वाधीनता इतिहास में महान क्रांतिकारियों की बात होगी तब-तब भारत मां के इस वीर सपूत का जिक्र होगा। राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ एक महान क्रन्तिकारी ही नहीं, बल्कि उच्च कोटि के कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाविद् व साहित्यकार भी थे। इन्होने अपनी बहादुरी और सूझ-बूझ से अंग्रेजी हुकुमत की नींद उड़ा दी और भारत की आज़ादी के लिये मात्र 30 साल की उम्र में अपने प्राणों की आहुति दे दी। ‘बिस्मिल’ उपनाम के अतिरिक्त वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे। उनकी प्रसिद्ध रचना ‘सरफरोशी की तमन्ना..’ गाते हुए न जाने कितने क्रन्तिकारी देश की आजादी के लिए फाँसी के तख्ते पर झूल गये। राम प्रसाद बिस्मिल ने ‘मैनपुरी कांड’ और ‘काकोरी कांड’ को अंजाम देकर अंग्रेजी साम्राज्य को हिला दिया था। लगभग 11 वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं और स्वयं ही उन्हें प्रकाशित किया। उनके जीवन काल में प्रकाशित हुई लगभग सभी पुस्तकों को ब्रिटिश सरकार ने ज़ब्त कर लिया था।
 कविता को आगे बढ़ाएँ-
#HappyBirthday #SpecialDay #RamPrasadBismil

जब-जब भारत के स्वाधीनता इतिहास में महान क्रांतिकारियों की बात होगी तब-तब भारत मां के इस वीर सपूत का जिक्र होगा। राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ एक महान क्रन्तिकारी ही नहीं, बल्कि उच्च कोटि के कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाविद् व साहित्यकार भी थे। इन्होने अपनी बहादुरी और सूझ-बूझ से अंग्रेजी हुकुमत की नींद उड़ा दी और भारत की आज़ादी के लिये मात्र 30 साल की उम्र में अपने प्राणों की आहुति दे दी। ‘बिस्मिल’ उपनाम के अतिरिक्त वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे। उनकी प्रसिद्ध रचना ‘सरफरोशी की तमन्ना..’ गाते हुए न जाने कितने क्रन्तिकारी देश की आजादी के लिए फाँसी के तख्ते पर झूल गये। राम प्रसाद बिस्मिल ने ‘मैनपुरी कांड’ और ‘काकोरी कांड’ को अंजाम देकर अंग्रेजी साम्राज्य को हिला दिया था। लगभग 11 वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं और स्वयं ही उन्हें प्रकाशित किया। उनके जीवन काल में प्रकाशित हुई लगभग सभी पुस्तकों को ब्रिटिश सरकार ने ज़ब्त कर लिया था।