है ये कथा गौरवशाली भारत के इतिहास की। दानवीर में जो अग्रणी था, वो कर्ण महान की। बाक़ी अनुशीर्षक में पढ़े..👇👇 था जो सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर, दानवीरता में भी नहीं था कोई जिसके सामान। उदय दुलारी नेह आज गाथ लिखेगी, था जो महारथी कर्ण महान।। महर्षि दुर्वासा के दिए मंत्र से, कुन्ती ने किया सूर्य देव का आह्वावन। ऋषि का मंत्र मिथ्या ना जावें, इसलिए सूर्य ने किया पुत्र प्रदान।। कवच और कुंडल लेकर वो अवतरित हुए, सूर्य पुत्र दानवीर कर्ण।