प्रकृति के साथ बढ़ाओ अपने हाथ,, स्वक्ष रखो झरने नदिया,न करो विनाश, प्रथ्वी अपना संतुलन खोने लगी है, फैल रहीं हैं,बीमारियां अनेकों ,दुनिया रोने लगी है, शपथ लो आज अर्थ डे पर प्रथ्वी का संतुलन बनाए रखने में मदद करने का प्रयास जरूर करना है, अर्थ डे,