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Sarsaparilla mother tincture q परिचय- सर्सापैर

Sarsaparilla mother tincture q 

परिचय- 

सर्सापैरिल्ला औषधि को मूत्राशय के बहुत से रोगों में प्रयोग किया जाता है। गुर्दों में होने वाले दर्द को भी इसी औषधि के सेवन से दूर किया जा सकता है। 

विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर सर्सापैरिल्ला औषधि का उपयोग-


चर्म (त्वचा) से सम्बंधित लक्षण- रोगी की त्वचा का सिकुड़ जाना। त्वचा पर झुर्रियां सी पड़ जाना। त्वचा पर जख्म होना। त्वचा पर हवा लगने से दाने निकल आते हैं। त्वचा पर सूखी खुजली होना जो बसंत के मौसम में हो जाती है। हाथ और पैरों की त्वचा का फट जाना। त्वचा का सख्त हो जाना। गर्मी के मौसम में त्वचा पर होने वाले फोड़े-फुंसियां जैसे लक्षणों में रोगी को सर्सापैरिल्ला औषधि देना लाभकारी रहता है। 

पुरुष रोगों से सम्बंधित लक्षण- रोगी के लिंग में से वीर्य के साथ खून का आना, रोगी की जननेन्द्रियों में से बहुत ज्यादा बदबू आना, रोगी की जननेन्द्रियों पर दाद जैसे विकारों का होना, रोगी के अंडकोष और मूलाधार में खुजली सी होना, उपदंश, उद्भेद और हडि्डयों में दर्द जैसे लक्षण होने पर रोगी को सर्सापैरिल्ला औषधि देना काफी लाभदायक रहता है। 

मूत्र (पेशाब) से सम्बंधित लक्षण- रोगी के पेशाब करने के बाद में पेशाब की नली में बहुत तेज दर्द होना। रोगी की पेशाब की नली में पथरी होना जो पेशाब के साथ खून और छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में निकलती है। रोगी को बार-बार पेशाब आता है लेकिन बहुत ही कम मात्रा में। पेशाब का रंग गन्दा होना, पेशाब सफेद बालू की तरह जम जाता है। रोगी की पेशाब की नली का फूल जाना जिसे छूने से दर्द होता है। रोगी अगर बैठ कर पेशाब करता है तो पेशाब बूंद-बूंद करके आता है तथा पेशाब खड़ा होकर करने से सही तरह आता है। बच्चा पेशाब करने से पहले और बाद में बड़ी तेजी से चिल्लाता है। इस तरह के लक्षणों में रोगी को सर्सापैरिल्ला औषधि देने से लाभ मिलता है।

©VIKAS KUMAR
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