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ना मैं खिलाड़ी हुं, ना मैं कोई खेल जानता हूं । व्य

ना मैं खिलाड़ी हुं, ना मैं कोई खेल जानता हूं ।
व्यक्ति हुं रेलवे का, मैं बस रेल जानता हूं ।।
रेल की पटरियों सी टेढ़ी मेढ़ी‌ लाइफ मेरी ।
गति बदलती रहती है,  पर मैं ट्रेन सा चलता जाता हूं ।
लोग थुकें मुझपर‌  या फिर‌ मेरा अनादर ही क्युं ना करें ।
मैं कर्तव्य निर्वाहन अपना , फिर‌ भी करता जाता हूं।।
जीवन के इस‌ दौर मे कुछ दिल पसंद स्टेशन स्कीप हुए ।
तो बीच में बस कहीं अचानक गाड़ी में मेरी इबी‌ लग गई ।
तो कहीं राह चलते -चलते, गाड़ी युं‌ही अचानक रुक गई ।।
लेकिन पहियों सी है मेरी जिंदगी जनाब, ये चलेंगें ज़रुर । 
थोड़ी विलम्ब से ही,हम मंज़िल पर आपको मिलेंगे ज़रुर ।‌।

©Ranjesh Singh #Life #rail #Transportation 

#IFPWriting
ना मैं खिलाड़ी हुं, ना मैं कोई खेल जानता हूं ।
व्यक्ति हुं रेलवे का, मैं बस रेल जानता हूं ।।
रेल की पटरियों सी टेढ़ी मेढ़ी‌ लाइफ मेरी ।
गति बदलती रहती है,  पर मैं ट्रेन सा चलता जाता हूं ।
लोग थुकें मुझपर‌  या फिर‌ मेरा अनादर ही क्युं ना करें ।
मैं कर्तव्य निर्वाहन अपना , फिर‌ भी करता जाता हूं।।
जीवन के इस‌ दौर मे कुछ दिल पसंद स्टेशन स्कीप हुए ।
तो बीच में बस कहीं अचानक गाड़ी में मेरी इबी‌ लग गई ।
तो कहीं राह चलते -चलते, गाड़ी युं‌ही अचानक रुक गई ।।
लेकिन पहियों सी है मेरी जिंदगी जनाब, ये चलेंगें ज़रुर । 
थोड़ी विलम्ब से ही,हम मंज़िल पर आपको मिलेंगे ज़रुर ।‌।

©Ranjesh Singh #Life #rail #Transportation 

#IFPWriting