अब तो सारे दिये निंद¹ गये शहर में लोगों की सुकून नींद के साथ एक तेरी गली में, एक मेरी गली में रोशनी क्यूँ आ जा रही हैं तेरी मेरी साँसो के साथ रात हुई जुगनू चमकने लेगे तारो के साथ तेरी मेरी रूह भटकने लगी हजारो² के साथ हाथ फैलाये हम ने, फिर टकरा गये एहसास मेरे एहसासो के साथ यूं लगा कोई टकरा गया मेरी बांहो के पास 1 बुझना 2 आशिको के लिए mere yaade #sanjaychampapur #मेरीडायकीकेकुछपन्ने #apanakalamasanjay #yq