#OpenPoetry थामी है कलम इन नन्हे हाथों ने.. तो कोशिश है कुछ ऐसा लिख जाऊं.. जो पढो किसी रोज फुरसत से.. तो नज़्म नज़्म में "मैं" नज़र आऊं.. himt@nu