जैसे नाखून बढ़ने पर काटना जरूरी हो जाता है वैसे ही अहम और लोभ बढ़ने पर अपने को नतमस्तक होकर ईश्वर के चरणों में समर्पण हो जाना अत्यंत जरूरी हो जाता है। ©Nityanand Gupta #Nityanand #crimestory