मैं दीप अवश्य जलाऊँगा एक दीप आशा का एक विश्वास का एक ज्ञान का एक प्रकाश का एक तम में उजाले का एक भूखे के निवाले का , एक बेसहारे के सहारे का एक डूबते के किनारे का | एक जन-जन की वाणी का , एक मानव की नादानी का | स्नेह मानवता का लाऊँगा, rahulpandey aaj ki raat