//माँ मैं थक चुकी हूँ// माँ, सपनों के पीछे भागते-भागते मैं थक चुकी है, अब बस तुम्हारे गोद में सिर रखकर सोना चाहती हूँ। अब बस तुम्हारे ही पास रहना चाहती हूँ!! माँ, जिस दुनिया को मैं जगह-जगह ढूंढती फिरती हूँ, वह तुम्हारे चेहरे पर ही तो है। माँ, जिस बारिश के लिए मैं तरसती फिरती हूँ, वह तुम्हारे नेत्रों के अम्बर पर ही तो है। माँ, जिस स्वर्ग को मैं हर पल खोजती हूँ, वह तुम्हारे चरणों के नीचे ही तो है। थक चुकी हूँ मैं माँ खुशियां ढूंढते-ढूंढते.. मेरे बालों पर अपना हाथ फिराओ न माँ, फिर से वह परियों वाली कहानी सुनाओ न माँ... जिस तरह बचपन में सुनाया करती थी। उसे ही सुनकर शायद फिर सो जाऊं मैं माँ... थक चुकी हूँ मैं माँ। मैं थक चुकी हूँ!! थक चुकी हूँ मैं माँ!! #I_amtiredmaa #missyou #poemformaa #translated #yqpoetry #yqbaba #yqdidi #sangitahazarika_yq