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रोज पागल होता हूं बात करने के लिये एक बार उसकी मुस

रोज पागल होता हूं बात करने के लिये एक बार उसकी मुस्कुराहट देख लूं
 दिन बन जाता है रोज निकलते है ये सोच कर की आज दिन अच्छा होगा 
पर पता नही वो चांद किस बादल के पीछे छुप जाता है.


                                @twowriters1 dapppp....
रोज पागल होता हूं बात करने के लिये एक बार उसकी मुस्कुराहट देख लूं
 दिन बन जाता है रोज निकलते है ये सोच कर की आज दिन अच्छा होगा 
पर पता नही वो चांद किस बादल के पीछे छुप जाता है.


                                @twowriters1 dapppp....