अदू गुलशन का बागबाँ हो जाता हैं, चमन में खिजाओ का शमा आता हैं.. हुक्मरानों से अब शिकायत कैसे करें, मुंसिफ जब जुर्म में शामिल हो जाता हैं.. ग़ैर तो ग़ैर हैं बचकर ही निकलेंगे, घर का भेदी ही लंका को जलाता हैं... इतना आसान नही उसका संभल जाना, चोट जो इश्क़ की दिल पर खाता हैं... अहद उसने भी पढ़ा होगा बेवफ़ाई का, चलती राहों में छोड़कर कोई नहीं जाता हैं... वो मल्हार था कस्ती को डुबाकर लौटा, ख़ुदा डूबते को भी वरना बचाने आता हैं... ख़याल उसको "रफ़ीक़" बाबा का आया हैं, यूँही नही वो मुकरता चाहत से जाता हैं.... #Nashad💔👉👀 #अदू #मुंसिफ #अहद #शामिल