सजाकर रखना होता है तन-मन को भी जैसे सँवारते हैं हम अपने आसपास को भी इधर-उधर फैली वस्तुऍं बिगाड़ती जैसे सज्जा हैं विचारों की उथल-पुथल मन को करती व्यथित है करीने से रखा सामान देता आँखों को सुकून है वैसे ही संयमित विचार मन को देते निर्मलता हैं मन की साज-सज्जा ही हमें बाहर से सुंदर रखती है मिले हमसे जो भी उसको बरबस आकर्षित करती है दिल में द्वेष ईर्ष्या जलन विरोध मन को बदसूरत करते हैं लाकर नकारात्मकता सभी को हमसे दूर करते रहते हैं सजाकर रखना होता हमें मन को प्रेम-स्नेह के पुष्पों से है हरपल मुस्कुराते रहना और दूसरों को भी खुशी देना होता है सुप्रभात। अपने कमरे को ख़ूबसूरत बनाने के लिए उसे सजाना पड़ता है, ठीक वैसे ही जीवन को भी। #सजाकर #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi