मेरी मोहब्बत का ना सही मेरी नफरत का तो खयाल रखती जो फूल दिया था तुमने मुझे कभी वो आज भी महकता है उसी किताब में जिसमे मैने तुम्हारे लिये नफरत के खत लिखे थे एक नफरत ऐसी भी... मेरी मोहब्बत का ना सही मेरी नफरत का तो खयाल रखती जो फूल दिया था तुमने मुझे कभी वो आज भी महकता है उसी किताब में जिसमे मैने तुम्हारे लिये नफरत के खत लिखे थे