बैठे थे जिन्दगी की एक छोटी सी आरजू लेकर वक़्त था की चलो एक कश लेंगे जिन्दगी को लेकर थोडा सा धुआँ उडेगा जरुर मगर सम्भाल लेंगे खुद को और फिर हम चलेंगे मुश्किलो को अपनी जेब मे लेकर। इरादा कर लिया है सुबह से की साथ मे मिलेंगे शाम को लेकर जब देखेगी दुनियां तो चल पडेंगे अपनी ही दुनियां मे खोकर थोडा सा शोर होगा जरुर मगर मना लेंगे हम गुस्से को अपने और जब तूफान रुकेगा तो फिर चल पडेंगे अपनी ख्वाहिशो को लेकर जानते है हम कि सफर होगा तो मुश्किल जिन्दगी के सफर को लेकर तब बांध लेंगे अपने जज्बातो को हम रस्सी के एक टुकडे से लेकर पता है एक बार ये रस्सी टूटेगी जरुर मगर बांध लेंगे हम टुकड़ो को फिर से और फिर सब कुछ ठीक होगा तब हम जिएंगे पहले से बेहतर। पता है, प्यार से देखोगे दुनियां को अगर तो आयेगा मजा जीने को लेकर सोचो तो सही किस्सा कैसा होगा जब निकलेंगे बादलो से होकर मानता हूँ एक बार नीचे जाओगो जरुर मगर उपर उठने के लिये और तब होगा एहसास जिन्दगी के जीने के फैसले को लेकर।। और तब फिर से हम एक साथ बैठेंगे बीती हुई बातों को लेकर फिर से लेंगे कश एक जिन्दगी का जिन्दगी के कल को लेकर पता था हमे थोडा धुआं उड़ा था जरुर मगर बुझने के लिये मगर हम फिर जलाएंगे बुरी यादों को अपनी नये कल की उमीद को लेकर। @The Poet Narendra Nagar क्षमा चाहता हूं, लिपि का आकार छोटा है। मेरा आपसे निवेदन हैं इसे जरुर पढ़े। #Nojotohindi #Nojoto #वक़्त