कैसे समझाऊं अपने दिल की बेचैनियों को पत्थरों के शहर में इश्क़ ढूंढने चला है, बिकते हैं खिलौने बाजारों में कमबख्त ए-दिल लोगों के दिलों से खेलने-चला है, काश कोई समझाए इस दिल को, कांच के दिल को मोम का दिल समझ बैठा है, ना जाने क्यूँ उस अंजान से दिल लगाकर दिल रो पढ़ा है, है मुझे इश्क़ उससे या यूही दिल ज़िद पे अड़ा है, कैसे सुनाऊ उसे अपनी दिल की बातें, है उसे इश्क़ मुझ से या एक तरफ़ा इश्क़ मुझि को हुआ है, कैसे समझाऊं अपने दिल की बेचैनियों को पत्थरों के शहर में इश्क़ ढूंढने चला है..! ©imaryan #sadness #Heart #Broken💔Heart #Zindagi Sudha Tripathi kavita ranjan #alone #guys__please_sport #insta@imaryan_0