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उन पलों को याद करती मेरी ये आहे , तेरे इंतजार में

उन पलों को याद करती मेरी ये आहे , 
तेरे इंतजार में मेरी बेबस सी ये निगाहें,
कहां हो तुम ? तुम्हें ढूंढती हर पल ,
गले लगाने को मेरी बाहें,
कभी हवाओं से पूछती कभी बादलों 
पर निगाहें टिकाए रखती,
डाल -डाल पत्ते -पत्ते से पूछती , 
तुमको न पाकर यह बेबस सी हो
जाती मेरी निगाहें,
एक टक प्रकृति को तकती रहती,
जैसे शिकायत कर रही हो मेरी निगाहें

©Deepti Garg
  #ballet #निगाहें  #बेबस#इंतजार