बचपन और दादा जी दादा जी हमारे बच्चे बन संग हमारे खेलते, तजुरबें की गठरी को कहानियों से परोसते, सभ्यता संस्कारो को खेल खेल में सिखातें, कहानी में अद्भुत संस्कृति के दर्शन कराते, दादा जी रूपी वटवृक्ष के तले हम लहरातें, बचपन के आनंद के खेल पताका फहरातें। खेल खेल में अनेक गतिविधियां सिखलाते, तस्वीरों से बीते हुए वक्त के दर्शन करवातें। बनकर के वो परिवार की बगिया का माली, कलियां फूलों को संवारता करता रखवाली। JP lodhi #BachpanAurDadaji