वो महापुरुष वो लौह शक्ति वो भारत का रखवाला था। वो काली राजनीति में सुख का ग्रहण लगाने वाला था। जिसने जीवन भर भार सहा था खूनी करगिल माटी का। जिसने जीवन निर्वाह किया गाँधी की उस परिपाटी का। दुश्मन को गले लगा कर के उसने जो प्यार दिखाया था। वो भारत का रखवाला था इसलिए कदम ये उठाया था। जिसने संसद में त्याग दिया था गद्दी को कुछ बोलों पर। उस महापुरुष की प्रतिमा है भारत के जलते शोलों पर। जब-जब कविता से राजीनीति का संगम फिर दोहराएगा। वो नाम अटल हर जन जन को एक मार्ग नया दिखलायेगा। वो शब्द नही मरने वाले जो मुख से उनके निकले थे। वो गीत नही जाने वाले जो मन से उनके निकले थे। अग्रीम इतिहासों में जब-जब महापुरुष कोई आएगा। तब-तब भारत के नभः में बस एक नाम अटल लहराएगा। अमर अटल #RIPAtalji