,,,,,, नीले आसमां तले कुछ रंग आज हाथ लगे हैं छुआ है मैंने तितलियों के पंखों को,,,, भागी हूं उनके पीछे अनजान रास्तों में छुपते छुपाते चुपके से एक फूल में बैठी,,, धीरे धीरे होले होले कदमों से आज मैंने उसको छुआ है,,,