कभी कभी मैं यह सोचता हूँ, हम कन्यादान क्यों करते हैं, वो लड़की है कि कोई वस्तु?? जिसे किसी को दान कर दिया जाता है, आखिर क्या एक स्त्री की यही मूल्य रह गया है।। ©विनय कुमार करुणे #kanyadaan #nojothindi