तुम कैदी हो, हर किसी से, अलग थलग हो, कोई अंदर, बेरोकटोक नहीं आ सकता, न तुम बाहर जा सकते। आपस में बंटवारा हो गया, अपनी अपनी, सीमाएं बन गई, आपस में, प्यार बंट गया, परिवार बंट गया, बीच में, दिवार खड़ी हो गई। ©Anil Kumar Jaswal #दिवार gaTTubaba