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#PulwamaAttack भारत की जनता की मैं आवाज़, एक बात ब

#PulwamaAttack भारत की जनता की मैं आवाज़, एक बात बताने अाई हूं।
सुनहरी घाटी में दबे दर्द की चींख सुनाने आई हूं।।

एक बार फिर वहां से शहादत की खबर आई हैं।
लगता है फिर किसी ने वहां तबाही मचाई हैं।।

एक बार फिर वहां खूनी मंज़र छाया है।
लगता है फिर वहां कोई हथियार लेकर आया है।।

आखिर श्वेत वादियां फिर क्यों लाल बन गई है,
शिव की धरती फिर क्यों बेहाल बन गई हैं।।

शायद उन जान की कीमत कोई नहीं जानता।
इसलिए तो इसको कोई राष्ट्रीय समस्या नहीं मानता।।

उनके दर्द का क्या हमको कोई आभास नहीं है।
उनकी जरूरत का क्या हमको कोई एहसास नहीं है।।

क्या कभी सोचा है, मंज़र क्या होगा उस परिवार में।
जिनके चिराग भूझ गए बर्फीली घाटी के वार में।।

भारत के कई त्योहार दफन हो गए उस पार।
चांद तारों का अब होता नहीं यहां कोई इंतजार।।

©Ojaswani Sharma tbc
#PulwamaAttack
#PulwamaAttack भारत की जनता की मैं आवाज़, एक बात बताने अाई हूं।
सुनहरी घाटी में दबे दर्द की चींख सुनाने आई हूं।।

एक बार फिर वहां से शहादत की खबर आई हैं।
लगता है फिर किसी ने वहां तबाही मचाई हैं।।

एक बार फिर वहां खूनी मंज़र छाया है।
लगता है फिर वहां कोई हथियार लेकर आया है।।

आखिर श्वेत वादियां फिर क्यों लाल बन गई है,
शिव की धरती फिर क्यों बेहाल बन गई हैं।।

शायद उन जान की कीमत कोई नहीं जानता।
इसलिए तो इसको कोई राष्ट्रीय समस्या नहीं मानता।।

उनके दर्द का क्या हमको कोई आभास नहीं है।
उनकी जरूरत का क्या हमको कोई एहसास नहीं है।।

क्या कभी सोचा है, मंज़र क्या होगा उस परिवार में।
जिनके चिराग भूझ गए बर्फीली घाटी के वार में।।

भारत के कई त्योहार दफन हो गए उस पार।
चांद तारों का अब होता नहीं यहां कोई इंतजार।।

©Ojaswani Sharma tbc
#PulwamaAttack