अधूरी सी एक कहानी है, प्यार पूरा है अनछुआ दिल का कोना है,घुला एहसास ये गहरा है रूठने की आदत है,साथ पाने की भी चाहत है मैं आईना हूं क्यूं मुझमें दिखता धुंधला सा एक चेहरा है ये इश्क़ है नशा-ए-शराब सा,ये न तेरा, न मेरा है बाहों में सुला ले मुझको ये सपना बड़ा सुनहरा है ख़ामोशी का मौसम है,बेचैनी की आहट है अब न धुन वो बजती है,न हवाओं में वो सरसराहट है न बांधा है किसी बंधन में,न रस्मों का कोई पहरा है कोई सीधे दिल में उतर गया शायद उससे रिश्ता कोई गहरा है ये कैसी अगन लगा दी है,दूर तक फैला सहरा है ये दिल सरायखाना है,कोई मुसाफ़िर दो पल के लिए उसमें ठहरा है... © trehan abhishek ♥️ Challenge-978 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।