तुमने फेरी मेरे नाम की माला। मैंने किस्मत ही तेरी फेर दी। तुमने कर में माला थामी मैंने हाथ तुम्हारा थाम लिया। उस उस को उबारा भवसागर से जिसने भी हृदय से मेरा नाम लिया। सुबह शाम भजन सुमिरन का नेक नियति से पूरा जिसने काम किया। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ माला