गुनगुनाते हुए आंचल की हवा दे मुझको। उंगलियाँ फेर के बालों मे, सुला दे मुझको।। याद करके मुझे तकलीफ ही होती होगी, एक किस्सा हूँ पुराना सा भुला दे मुझको।। #openshayri #Dilkiawaz #love u all