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गुनगुनाते हुए आंचल की हवा दे मुझको। उंगलियाँ फेर

गुनगुनाते हुए आंचल की हवा दे मुझको।
 उंगलियाँ फेर के बालों मे, सुला दे मुझको।।
याद करके मुझे तकलीफ ही होती होगी,
एक किस्सा हूँ पुराना सा भुला दे मुझको।। #openshayri #Dilkiawaz #love u all
गुनगुनाते हुए आंचल की हवा दे मुझको।
 उंगलियाँ फेर के बालों मे, सुला दे मुझको।।
याद करके मुझे तकलीफ ही होती होगी,
एक किस्सा हूँ पुराना सा भुला दे मुझको।। #openshayri #Dilkiawaz #love u all
nooralam8282

Noor Alam

New Creator