नज़र रेल्वे फाटक पर , मानव इस तरह एक टक नज़र लगाए रहता है। जैसे कोई प्यास कुवे की तलाश में होता है। की अब कुवाँ मिले ऒर वो अपनी प्यास बुझाए। सभी के आंखों में यही नज़र होता है । कब ये फाटक खुलेगा ओर सभी अपनी मंजिलो की ओर अग्रसर होंगे। और जैसे ही फाटक खुलता है। सभी की आंखों में एक चमक हो उठ पढ़ती है। जैसे की प्यास के पानी पीते ही उसकी आत्मा तर उठती है। #NojotoQuote #untold #poetslife #nazar