रास्ते यू घूमराह सा राही फिर रहा मंन्जिल की तलाश में ये बढ़ते कदम रूकते नहीं मन्जिन पाने की आश में यू वेसब्र होकर रुकना नहीं तू सिर्फ चलता रह मंन्जिल की तलाश में @#सन्तोष ©दिल के अरमान #रास्ते