Nojoto: Largest Storytelling Platform

संगत तो उसकी शरीफो में गिनते थे लोग, पर जब दो झाम

संगत तो उसकी शरीफो में गिनते थे लोग,
पर जब दो झाम वो गटक लेता था महफ़िल में,
तो कुछ इस तरह शायरी प्रस्तुत किया करते थे :

"क्यों घटाता है अपनी उम्र हर शाम नशा करते हुए,
जब वजह है तेरे पास जिंदगी जीने के लिए,
बॉट अपने दुखों को उसके साथ,
जो हर शाम तरसती है तेरी शक्ल देखने के लिए "।


 #yqbaba#yqdidi#महफ़िल#pain#alchol
संगत तो उसकी शरीफो में गिनते थे लोग,
पर जब दो झाम वो गटक लेता था महफ़िल में,
तो कुछ इस तरह शायरी प्रस्तुत किया करते थे :

"क्यों घटाता है अपनी उम्र हर शाम नशा करते हुए,
जब वजह है तेरे पास जिंदगी जीने के लिए,
बॉट अपने दुखों को उसके साथ,
जो हर शाम तरसती है तेरी शक्ल देखने के लिए "।


 #yqbaba#yqdidi#महफ़िल#pain#alchol
harshkhanna7103

Harsh Khanna

New Creator