मेरे भी कई ख्वाब थे कुछ चूल्हे में जल गये , कुछ कारखानों में पिघल गये मेरे भी कई ख्वाब थे , कुछ भूखे -पेट कुचल गये , कुछ बिमारियों से मर गये मेरे भी कई ख्वाब थे , कुछ प्रदूषित धुएं में उड़ गये , कुछ वजन ढोते -ढोते ढह गये मेरे भी कई ख्वाब थे जो लाचार माता -पिता के कारण गरीबी -भुखमरी के कारण दिलो -दिमाग में ही दफ़न हो गये #मेरेख्वाब #manisharajput