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यों तो कुछ नहीं होता इस पूरे शून्य में तू सही होता

यों तो कुछ नहीं होता
इस पूरे शून्य में तू सही होता
धड़कता वक़्त तेरी साँसों में
एक तलब सी हर घड़ी होता
बन्द आँखों में रोशन सा तू
खुली पलकों में ज़िन्दगी होता
अपनी रईसी मुठ्ठी में समेटे
तुम तक भाग आता मैं
तेरी नज़र भर पड़े कि
हथेली पर मेरे चाँद ही होता
एक नदी सी बह निकलती
दोनों ज़ानिब से...बैठते पाँव डाले
दोनों सब साझा किए से
साँझ ढलती, रात खिलती 
और दिन वहीं होता
 #toyou#yqreflections#yqpet#yqpal#yqlove#yqsittingwith
यों तो कुछ नहीं होता
इस पूरे शून्य में तू सही होता
धड़कता वक़्त तेरी साँसों में
एक तलब सी हर घड़ी होता
बन्द आँखों में रोशन सा तू
खुली पलकों में ज़िन्दगी होता
अपनी रईसी मुठ्ठी में समेटे
तुम तक भाग आता मैं
तेरी नज़र भर पड़े कि
हथेली पर मेरे चाँद ही होता
एक नदी सी बह निकलती
दोनों ज़ानिब से...बैठते पाँव डाले
दोनों सब साझा किए से
साँझ ढलती, रात खिलती 
और दिन वहीं होता
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