आँखों आँखों में ये सब कह जाती है नन्हे इशारों में क्या कुछ समझाती है मुस्कान तो सीधे दिल में उतर जाती है छोटी आशी कितना कुछ कर जाती है एक साल की नन्हीं दोस्ती बढ़ाती है खेल खेल में फिर चपत भी लगाती है अकेली होते ही ज़ोर से चिल्लाती है मिनटों में सारा घर सर पर उठाती है कुछ ही पलों में वो फिर मुस्कुराती है मिष्टी संग खेलती है थोड़ा घबराती है ज़रा सी ग़लती पर डाँट पड़ जाती है खिलौने छीन कर कहीं भाग जाती है अपने ख़ास खिलौने चुपके से छुपाती है आशी भी कम कहाँ वहाँ पहुंच जाती है वही खिलौने उठाकर कमरे में फैलाती है पर मिष्टी आशी के बिना कहाँ रह पाती है उसे नहीं देख आशी आशी चिल्लाती है दोनों प्यारी बहनें एक दूजे की साथी हैं जहाँ जाती है वहाँ ख़ुशियाँ भर जाती है #granddaughters