पानी वाला फ़िल्टर अच्छा लगता था वो बहते हुए पानी का फ़िल्टर जिसमें मुश्कुराता हुआ मेरा चेहरा वो सेल्फी वाली झूठी हसी नहीं रहती थी जब वो ऊपर शीतल लहर बहती थी वो अच्छे न दिखने के फिकर से दूर और औरों के कमेंट के जिकर से दूर वो सीपियों की ओट में ताकता झाकता मेरा चेहरा वो पीछे बादलों से निकलता नीला अम्बर वो आगे तेज़ी से बढ़ता मछलियों का नंबर और नीचे कालीन बिछाई बहती हरी घासों के बीच लहराता हुआ मेरा चेहरा वो रेत में समाता पानी और पानी मेें ढलती रेत वो मेढक के छलांग के बुलबुले और उनसे बनते भंवर अनेक और इन फ़िल्टर के बीच खिलखिलाता हुआ मेरा चेहरा -अजय Pani Wala filter #nature #selfie #filter #hindipoetry